चीन की यात्रा पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशलेट

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

बीजिंग : संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी के शुरू हो रही चीन यात्रा के दौरान देश के पश्चिमोत्तर शिनजियांग क्षेत्र में मानव अधिकारों के उल्लंघन के आरोपों का मुद्दा प्रमुखता से छाया रहेगा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैशलेट का यह दौरा 2005 के बाद देश में किसी शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी का पहला दौरा है। अधिकार समूहों ने हालांकि चेताया कि उसने (चीन ने) शिनजियांग में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की ज्यादतियों को छिपा देने की बात की है। चीन ने अपने उइगर, कज़ाख और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के 10 लाख से अधिक सदस्यों को बंद कर दिया है तथा आलोचक इसे उनकी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान को मिटाने का अभियान करार देते हैं।

चीन का कहना है कि उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और वह शिनजियांग का दौरा करने तथा व्यवस्था और जातीय एकता को कायम रखने के लिये उसके द्वारा चलाए गए अभियान को देखने के लिये सभी का बिना किसी राजनीतिक पूर्वाग्रह के स्वागत करता है। बैशलेट दक्षिणी शहर ग्वांगझू से अपनी छह दिवसीय यात्रा की शुरुआत करेंगी और इसके बाद वह कशगर और शिनजियांग की क्षेत्रीय राजधानी उरुमकी की यात्रा करेंगी।

यात्रा को लेकर बेहद सीमित जानकारी दी गई है और कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण वाले मीडिया ने उनके दौरे की खबर नहीं दी है। एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या बैशलेट को अब बड़े पैमाने पर खाली नजरबंदी शिविरों में जाने की अनुमति दी जाएगी, जिन्हें चीन पुनर्शिक्षा केंद्र कहता है। इसके अलावा क्या उन्हें धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता का आह्वान करने के कारण कैद किए गए अर्थशास्त्री व सखारोव पुरस्कार विजेता इल्हाम तोहती जैसी शख्सियतों से उन्हें मिलने दिया जाएगा? चीन पर जबरन श्रम, जबरन जन्म नियंत्रण और जेल में बंद माता-पिताओं से उनके बच्चों को अलग करने का भी आरोप लगाया गया है वहीं निगरानी समूह द डुई हुआ फाउंडेशन का कहना है कि रमजान के लिए उपवास या इस्लामी किताबें बेचने को लेकर भी लोगों को निशाना बनाया गया। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या बैशलेट उन अधिकारियों से मुलाकात कर पाएंगी जिन्होंने शिनजियांग में कार्रवाई का नेतृत्व किया था। ऐसे लोगों में पार्टी के पूर्व सचिव चेन क्वांगुओ भी शामिल हैं जो अब बीजिंग में एक अधिकारी हैं।

बैशलेट की उच्च स्तरीय राष्ट्रीय और स्थानीय अधिकारियों, नागरिक संस्थाओं, व्यापार प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों के साथ चर्चा करने और गुआंगझू विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने की योजना है। एमनेस्टी इंटरनेशनल नामक संस्था ने कहा कि बैशलेट को अपनी यात्रा के दौरान “मानवता के खिलाफ अपराधों और घोर मानवाधिकारों के उल्लंघन को उठाना चाहिए।” एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने एक बयान में कहा, “मिशेल बैशलेट की शिनजियांग की काफी समय बाद हो रही यात्रा क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गौर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, लेकिन यह सच्चाई को छिपाने के चीनी सरकार के प्रयासों के खिलाफ चल रही लड़ाई भी होगी।”
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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